संपूर्ण राष्ट्र के साथ मजदूरों का हित भी एकात्म है। राष्ट्र खड़ा रहेगा तो मजदूर गिर नहीं सकता। राष्ट्र गिर जाएगा तो मजदूर खड़ा नहीं रह सकता। वैसे ही जब तक मजदूर खड़ा है तब तक वह राष्ट्र को गिरने नहीं देगा। मजदूर गिर जाएगा तो राष्ट्र को कौन बचाएगा?हमारा उद्देश्य है हिंदुस्तान के मजदूर आंदोलन में जो त्रुटि है उसे ठीक करना। लोग अभी तक यही समझते रहे हैं कि मजदूर और मालिक दो ही पक्ष है। वे यह भूल गए कि एक अत्यंत महत्वपूर्ण पक्ष राष्ट्र भी है।